इस सप्ताह पर्दे पर आने वाली फ़िल्म ‘पानीपत’ एक ऐसी जंग पर आधारित है जिसे इतिहास की बड़ी जंगों में गिना जाता है. ये जंग आज से क़रीब 260 बरस पहले लड़ी गई थी. फ़िल्म के रिलीज़ होने से पहले ही इसे लेकर उत्साह भी है और एक तबक़ा फ़िक्रमंद भी है. हमने इतिहास की किताबों में पढ़ा है कि पानीपत की तीसरी लड़ाई मराठा क्षत्रपों और अफ़ग़ान सेना के बीच हुई थी. 14 जनवरी 1761 को हुए इस युद्ध में अफ़ग़ान सेना की कमान अहमद शाह अब्दाली-दुर्रानी के हाथों में थी. ‘पानीपत’ फ़िल्म में भारतीय उपमहाद्वीप और मध्य एशिया के इतिहास के एक बेहद ही अहम और निर्णायक मोड़ को दिखाया गया है. इस जंग के दूरगामी नतीजे निकले थे, जिनका असर हिंदुस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के साथ साथ कई और देशों पर भी पड़ा था. हिंदुस्तान की कई पीढ़ियां इस जंग का ज़िक्र आने पर रोमांचित होती रही हैं. इतिहासकारों में भी इस युद्ध को लेकर बहुत दिलचस्पी रही है.
स्टोरी: दाऊद आज़मी, बीबीसी पश्तो सेवा
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